‘अपोजिट अट्रैक्ट्स’, कभी प्यार को लेकर कही जाने वाली यह बात अब वाकई में साइंस व गणित की किताबों की बातें रह गई हैं, क्योंकि जैसा कि मेरी प्रिय बॉलीवुड कैरेक्टरजब वी मेट’ की गीत कहती प्यार तो बस प्यार होता है, ‘प्यार में सही गलत कुछ नहीं होता है’ प्यार के बस इसी फॉर्मूले को फॉलो करते हुए, इन दिनों कई निर्देशकों ने समलैंगिक प्रेम कहानियों को मुख्यधारा में दर्शा कर, इस विषय और इसे लेकर नजरिये को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। फिल्म ‘बधाई दो’ इसमें एक नया एडिशन है। ‘बधाई दो’ के अलावा भी रोचक अंदाज़ में कैसे समलैंगिक कहानियों को हिंदी सिनेमा के पर्दे पर तवज्जो दी जा रही है और इसे लेकर लोगों के नजरिये को बदलने की कोशिश की जा रही है /साथ ही यह भी एक सकारात्मक बात है कि हिंदी सिनेमा के बड़े कलाकारों को अब समलैंगिक किरदारों को निभाने में कोई गुरेज नहीं है। मेरी नजर में इन पांच फिल्मों की भूमिका अहम रहेगी, जिसने इस विषय पर एक स्पष्ट नजरिया दिया है।

बधाई दो

प्यार के बस इसी फॉर्मूले को फॉलो करती नजर आ रही हैं राजकुमार राव कर भूमि पेडनेकर की नयी फिल्म बधाई दो’। फिल्म ‘बधाई दो’ का ट्रेलर सामने है। इस फिल्म में भूमि पेडनेकर और राजकुमार राव अहम किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में राजकुमार राव पुलिस ऑफिसर की भूमिका में हैं। भूमि पेडनेकर पीटी टीचर के रूप में नजर आ रही हैं। ट्रेलर में एक जगह भूमि पेडनेकर से राजकुमार राव कहते हैं कि जैसे आपको लड़कों में दिलचस्पी नहीं है, लेकिन हमें है , ट्रेलर से स्पष्ट बात सामने आ रही है कि ‘बधाई दो’ एक समलैंगिक प्रेम कहानी होगी। इसके लिए फिल्म के निर्देशक हर्षवर्धन कुलकर्णी बधाई के पात्र है कि फिलहाल ट्रेलर में ही उन्होंने प्रभावित किया है और अपने किरदारों के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है कि कहानी में क्या होगा। फिल्म 11 फरवरी को रिलीज होने जा रही है।

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शुभ मंगल ज्यादा सावधान

कुछ सालों पहले ही रिलीज हुई आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘शुभ मांगल ज्यादा सावधान’ में  आयुष्मान खुराना और जीतेन्द्र कुमार ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म में समलैंगिक प्रेम कहानी है कि कैसे एक मिडिल क्लास परिवार अपने बेटे के ऐसे प्रेम को स्वीकार नहीं पाता है, समाज में उसे अपमान का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्यार करने वाले दो प्रेमी अपनी प्रेम कहानी को अंजाम दे पाने में कामयाब रहते हैं। हास्य से भरपूर प्यार की एक बेहतरीन परिभाषा इस फिल्म ने गढ़ी है।

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ में सोनम कपूर के किरदार को समलैंगिक दिखाया गया है। इस फिल्म में राजकुमार राव के किरदार सोनम की मदद करते हैं कि उनकी प्रेम कहानी पूरी हो सके। एक पंजाबी परिवार में पली-बढ़ी लड़की का समलैंगिक होना उसके परिवार को रास नहीं आता है। फिल्म में एक नाटक के माध्यम से समलैंगिक प्रेम कहानी को दर्शाने की खूबसूरत कोशिश की गई है।

मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ

‘मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ’ में एक ऐसी लड़की की प्रेम कहानी दर्शाई गई है, जो सेरेब्रल पाल्सी की शिकार है और जिसे एक महिला से ही प्यार हो जाता है। वह लड़की खानुम है और वह एक पाकिस्तानी लड़की है। लेकिन दोनों की प्रेम कहानी अधूरी रह जाती है। इस फिल्म में भी समलैंगिकता को बेहद संजीदगी से दर्शाने की कोशिश की गई है। फिल्म में कल्कि और सयानी गुप्ता ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं।

फायर

‘फायर’ हिंदी सिनेमा की शुरुआती दौर की उन फिल्मों में से एक हैं, जिसने समलैंगिक विषय को पर्दे पर दिखाने की शुरुआत की। उस वक़्त इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुए थे, क्योंकि इसमें दो महिलाओं को आपस में प्रेम संबंध बनाते हुए दिखाया गया था। फिल्म सेंसर बोर्ड में भी काफी विवादों में रही। फिल्म में शबाना आजमी और नंदिता दास ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं। दीपा मेहता ने इसका निर्देशन किया था।

इन फिल्मों के अलावा मुझे ‘दोस्ताना’ में हल्के-फुल्के अंदाज़ में इस विषय पर एक कॉमेडी अप्रोच रखा गया था। ‘अलीगढ़’ में मनोज बाजपयी ने इस किरदार को खूब अच्छे से निभाया था। हाल ही में मोजेज सिंह के ‘ह्यूमन’ शो में दो महिलाओं के बीच समलैंगिक रिश्ते को दिखाया गया। हाल के वर्षों में कई ओटीटी शोज में भी इस विषय पर फिल्में और शोज बन रहे हैं और इसे लेकर लोगों को सामान्य दृष्टिकोण रखने की कोशिश की जा रही है।

क्या कहते हैं ‘ह्यूमन’ शेफाली शाह और कीर्ति कुल्हारी के बीच किसिंग सीन पर मोजेज सिंह

हाल ही में वेब शो ‘ह्यूमन’ शेफाली शाह और कीर्ति कुल्हारी के बीच किसिंग सीन दर्शाया गया।

‘ह्यूमन’ शो का निर्देशन करने वाले निर्देशक मोजेज सिंह इस बारे में कहते हैं

मुझे अपने बारे में लोगों को बताने में कभी कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई है। मुझे इस बात से शर्म नहीं है और मैं चाहता हूं कि अब बहुत हो चुका है, इस विषय को लेकर सामान्य अप्रोच लोगों को रखना ही चाहिए। मैंने अपने शो में सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए किसिंग सीन नहीं रखा है, बल्कि मैं समलैंगिकता को लेकर लोगों के हउवा बनाने के तरीके को बदलना चाहता हूँ। इसे लेकर उन्हें सामान्य करना चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि अब भी समलैंगिकता को लेकर इंडस्ट्री में ही काफी लोग हैं, जो बात नहीं करना चाहते हैं, जबकि इस पर जितनी बातचीत होगी, उतना ही लोग इसे लेकर सहज महसूस करेंगे। मुझे पता है कि हमें ही अपनी लड़ाई लड़नी होगी कोई और दूसरा कुछ नहीं करेगा। इसलिए मैं इसे लेकर हमेशा अपनी बात रखता रहूँगा।