कॉमेडियन से नहीं, बल्कि रूबरू होंगे एक अलग कपिल शर्मा से

‘मिटानी हो अगर, मजहबों की दुनिया, तो एक काम अच्छा कर लें

करें इबादत किसी की भी लेकिन, अपने दिल को बच्चा कर लें’

कपिल शर्मा ने अपने ने’टफ्लिक्स ‘शो के लगभग एक घंटे के शो ‘आई एम नॉट डन येट’ में यह गोल्डन वर्ड्स बहुत आखिरी के कुछ मिनटों में बोले हैं, लेकिन दरअसल, कपिल ने इन्हीं चंद पंक्तियों को अपनी जिंदगी का सार बनाया और जिसकी वजह से वह गिर कर फिर संभले। मुझे कपिल द्वारा कही गई ये पंक्तियाँ बेहद टच कर गयीं। उन्होंने अब भी अपने अंदर के बच्चे को जिंदा रखा है। यह संभव है कि कपिल शर्मा जिस अंदाज़ की कॉमेडी करते हैं, शायद कई लोग उससे इत्तेफाक न रखते हों, लेकिन इस बात को दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि आप कपिल को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते। कपिल शर्मा ने इसी शो के दौरान अपनी जिंदगी का एक अहम किस्सा सुनाया है कि जब वह अपने दोस्त के साथ डिप्रेशन के दिनों में एम्स्टर्डम पहुंचे, वहां किसी दिन पार्क में उन्हें एक महिला मिली, जिसने जब जाना कि वह कपिल शर्मा है, तो उसने किसी और से कपिल के बारे में पूछा। कपिल ने जब जानना चाहा कि उस महिला ने उन्हें कपिल के बारे में क्या बताया, तो वहां मौजूद महिला ने कपिल को कहा कि मेरी फ्रेंड ने कहा कि कपिल पॉपुलर कॉमेडियन था, लेकिन अब वह डिप्रेशन में है और अब उसका करियर फिनिश हो चुका है। कपिल के लिए वह बड़ा धक्का था। उन्होंने उस दिन तय किया कि वह वापस आएंगे और फिर से अपनी सेकेण्ड इनिंग की शुरुआत करेंगे। यह नेटफ्लिक्स का शो ‘आई एम नॉट डन येट’ कपिल शर्मा की उसी दूसरी पारी की शुरुआत का हाल-ए बयां है, जिसमें कपिल शर्मा ने अपने अंदाज़ में बयां करने की कोशिश की है। इस शो की खासियत यह भी है कि यह शो अपने शीर्षक से भटकती नहीं है। इसमें कपिल के चिर -परिचित अंदाज़ वाली मस्ती और मजाक नहीं है, बल्कि गंभीर बातों को हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। शो की यह भी  खूबी यह लगी कि इसे बहुत फ़िल्मी या उबाऊ नहीं बनाया गया है, बेवजह के बहुत सारे प्रसंग नहीं डाले गए हैं। जो भी बातें हुई हैं, वह शो के शीर्षक के इर्द-गिर्द ही है। भटकाव नहीं है लेखन में। साथ ही कपिल शर्मा के फैंस के लिए यह एक बेहतरीन शो है, जो उन्हें कपिल की जिंदगी के दूसरे पहलू से रू बरू भी कराएगा और कुछ सिखाएगा भी।

बातें जो मुझे बेहद पसंद आयीं

हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं

कपिल शर्मा ने एक दौर में बड़ी कामयाबी देखी। वह भारत के सबसे चहेते सुपर स्टार बने। मुझे वह दिन याद आता है, जब पहली बार बतौर मीडिया प्रतिनिधि जानकारी मिली कि कॉमेडी सर्कस वाले कपिल शर्मा कॉमेडी नाइट्स विद कपिल लेकर आ रहे हैं, मुझे याद है मीडिया में उस वक़्त यही रिएक्शन था, मूवर्स और शेकर्स को कॉपी करने की कोशिश है, तो कोई कह रहे थे, क्या ही कर लेगा, एक और शो होगा, कुछ दिन चलेगा फिर बंद। लेकिन जब कपिल के शो की शुरुआत हुई और जिस तरह से इसे दर्शकों का प्यार मिलने लगा, वह वाकई में चौंकाने वाली बात थी। आलम यह हुआ कि शाह रुख खान से लेकर अक्षय कुमार और यहाँ तक कि अमिताभ बच्चन ने भी कपिल शर्मा के शो में आना स्वीकारा। यही नहीं कपिल शर्मा के साथ अमिताभ बच्चन का जो बचपना हमने देखा, अमिताभ उस मूड में बिरले ही नजर आये। रेखा को अपनी रूहानी अंदाज़ में इसी शो में देखा।लेकिन अच्छे दिन आते-आते कई बार बुरे दिन भी आते हैं। कपिल के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। वह थोड़ा लड़खड़ाए और लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि कपिल अब फिनिश हो गया। अक्सर कामयाब लोगों को नीचे उतरने देखने में भी लोगों को बड़ा मजा आता है। लेकिन जैसा कि बाजीगर’ वाले शाह रुख कहते हैं हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं, कपिल ने भी हार कर फिर से बाजी जीती। वह दोबारा आये और क्या खूब आये।

कॉमेडियन हैं तो जिंदगी उदास हो ही नहीं सकती,इस अवधारणा को तोड़ती है

कुछ सालों पहले की बात है, जब मैं मनोज बाजपेयी के इंटरव्यू के लिए कतार में थी, मुझसे पहले वह एक न्यूज चैनल पर इंटरव्यू दे रहे थे, उस पत्रकार ने उनसे कहा कि जिस फिल्म का वह प्रोमोशन कर रहे हैं, उस फिल्म का संवाद बोल कर दिखाएं, इस पर मनोज ने बड़े प्यार से उस पत्रकार को समझाया कि कलाकारों से कभी ऐसी फरमाईश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जब वह फिल्म में अपने संवाद बोल रहे होते हैं तो अलग मूड और मेहनत होती है, ऐसे में उन्हें ऐसे संवाद बोलने को कहना सही नहीं आता है। कपिल शर्मा की जिंदगी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, चूँकि वह कॉमेडियन हैं, तो हम उनसे हमेशा यही उम्मीद करते हैं कि वह हंसाता रहे या फिर उनकी जिंदगी में कभी गम आ ही नहीं सकते। शायद यही वजह थी कि कपिल जब डिप्रेशन में गए, तो उनके चाहने वालों को बात हजम नहीं हुई, इस शो में हम उस कपिल की दुविधा को देख और समझ पाते हैं। इस शो में कपिल ने अपने डिप्रेशन के बारे में मेरे ख्याल से सबसे अधिक ईमानदारी से बातचीत की है। और यह बाकी अन्य कलाकार जो इससे जूझ रहे हैं, उन्हें भी प्रोत्साहित करती है कि वह भी इस विषय पर खुल कर अपनी बातें रखें। एक कलाकार को कलाकार समझा जाना सबसे पहले कितना जरूरी है, कपिल के शो पर कही बातों से यह बात समझ आती है।

कपिल एक कॉमेडियन नहीं, बल्कि एक इमोशनल इंसान के रूप में नजर आये

नेटफ्लिक्स को ऐसे फॉर्मेट के लिए बधाई और उन्हें और भी ऐसे कलाकारों को चुनना चाहिए, जो इस तरह के शो का हिस्सा बनें और हमें एक अलग ही इंसान से रूबरू होने का मौका मिले, जैसे इस शो ने मुझे तो बिल्कुल अलग कपिल शर्मा से मिलवाया, जो एक जिम्मेदार बेटा होने के साथ-साथ एक जिम्मेदार पति,भाई और पिता भी है। सबसे खास बात अपनी कला के प्रति प्रेम और जूनून को लम्बे समय तक जिन्दा रख पाना आसान काम नहीं होता, खासतौर से तब जब आपके सिर से 20 साल की उम्र में पिताजी का साया उठ जाए। इस शो के माध्यम से मैंने कपिल की उस दुनिया को महसूस किया।

सपने पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रेवल करते हैं

कपिल ने इस शो के दौरान एक दिलचस्प बात बताई, जो मुझे बहुत ही टच कर गयी। उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता ने जब कपिल मुंबई से शुरुआती दौर में फ्लॉप होकर गए थे, उन्हें चीयर अप करने के लिए दोस्तों के साथ सेलेब्रेट किया था, अपने पिता की मौत के बाद, एक तस्वीर कपिल के हाथों में लगी, जिससे पता चला कि वह भी एक आर्टिस्ट बनना चाहते थे, लेकिन जिम्मेदारियों में दब कर पूरा नहीं कर पाए। कपिल ने इस जगह के बड़ी प्यारी बात कही है, जो हर सपने देखने और उसे पूरा करने वालों को मिसाल के रूप में सुनना चाहिए कि सपने पूरे नहीं होते, वह पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रेवल करते हैं। जैसे कपिल के पिता ने अपना सपना अपने बेटे की आँखों से पूरा किया। छोटे शहर में रह कर बड़े सपने देखने वालों को तो यह शो जरूर देखना चाहिए कि एक सपना कैसे पूरा किया जा सकता है।

बच्चों के माध्यम से एकता की मिसाल

कपिल ने कम शब्दों में बड़ी प्यारी बातें कही हैं कि उनकी बेटी जब हाथ जोड़ती है तो दोनों हाथ जोड़ते हुए लगता है कि दो प्रान्त एक दूसरे से मिल रहे हैं, उन्होंने इस दौरान बड़े ही प्यारे अंदाज़ में एकता की बात की है, धर्म निरपेक्षता की बात की है।

एक और क्यूट पॉइंट जिसे मिस नहीं किया जा सकता है

कपिल ने बड़ी प्यारी बात कही है कि जब वह डिप्रेशन में थे, उनका किसी से बात करने का मन नहीं होता था, तब भी उनका साथ उनके कुत्ते जंजीर ने नहीं छोड़ा था और वह उसके साथ ही केवल वक़्त बिताना पसंद करते थे। उनकी यह बात और अधिक इस बात को पुख्ता करती है कि कोई साथ दे या न दे आपके पेट्स कभी आपका साथ नहीं छोड़ते हैं, वहीं आपके सच्चे कंपैनियन होते हैं।

चीजें जो और बेहतर हो सकती थी

एक प्रकरण का जिक्र कई बार करना, बेहद जरूरी नहीं था। एक बार में भी बात कही जा सकती थी। साथ ही यह शो कपिल के ऐसे पक्षों को दर्शाता है, जिसे हमने पहले नहीं देखा था, यह शो की बड़ी कामयाबी है, लेकिन इसमें कुछ और उनकी जिंदगी की खास घटनाएं मिसिंग रहीं, अगर उनका भी जिक्र होता और कपिल के दृष्टिकोण को रखा जाता, तो उससे इस शो को और खास बनाया जा सकता था।

बहरहाल, मेरा तो मानना है कि कपिल शर्मा जैसे हर कलाकार, जिन्होंने एक छोटे से शहर से आकर बड़ा मुकाम हासिल किया है, वैसे मिसालों को लेकर ऐसे शो बनते रहने चाहिए। दिलचस्प बात एक और इस शो में हुई है कि अंग्रेजी में हाथ तंग मानने वाले कपिल ने शो पर गाना अंग्रेजी में ही गाया है।

शो का नाम : कपिल शर्मा : आई एम नॉट डन येट

कलाकार : कपिल शर्मा

निर्देशक : साहिल छाबड़िया

ओटीटी :नेटफ्लिक्स

मेरी रेटिंग 5 में से 3 स्टार