संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के धाकड़ ट्रेलर में, सिर्फ और सिर्फ आलिया भट्ट का दबदबा नजर आ रहा है। ट्रेलर देखने के बाद, मैं तो यह भूल चुकी हूँ कि आलिया भट्ट की उम्र क्या है, मुझे बस उन्हें देख कर, यही बात नजर आ रही है कि आलिया भट्ट एक बेहतरीन एक्टर हैं, जिनके लिए उनका हर किरदार अहम है। उनके निर्देशक उन्हें किरदार देते जा रहे हैं और वह इसे निभाती जा रही हैं, मुझे उन्हें देख कर ऐसा ही लग रहा है खासकर इस फिल्म से कि आप जैसे आलिया ने ठान ली है यह बात कि आप करो, मुझे कितना चैलेन्ज करोगे, मैं तो अपना बेस्ट ही दूँगी। आलिया भट्ट के अब तक के करियर पर जब मेरी नजर जाती है, तो मैं तो यह तय कर पाने में असमर्थ हूँ कि उनके करियर के किस किरदार को दरकिनार किया जाए, फिर चाहे वह ‘हाइवे’ का किरदार हो, ‘डियर जिंदगी’ का किरदार हो या फिर ‘उड़ता पंजाब’ का, ‘राजी’ फिल्म में एक अंडर कवर एजेंट के किरदार को बेस्ट कहें या फिर ‘गल्ली बॉय’ की चुलबुली लड़की का। मुझे तो खुद कभी-कभी विश्वास नहीं होता कि आलिया वही क्यूट सी बबली वाली गर्ल हैं, जिन्हें ‘स्टूडेंट ऑफ़ द  ईयर’ के बाद ग्लैम गर्ल कहा जाने लगा था, लेकिन उन्होंने अपनी चॉइस की फिल्मों से साबित कर दिया कि लोगों को जो सोचना है, सोचे, वह तो अपना बेस्ट देंगी और मुझे तो इस संयोग को देख कर बड़ी ख़ुशी मिल रही है कि आलिया भट्ट ने अपने करियर के दस साल पूरे कर लिए हैं और दसवें साल में प्रवेश करते हुए उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म का हिस्सा बनने का मौका मिला है, जिनके करियर की यह खुद दसवीं फिल्म है। दस का यह मेल वाकई लाजवाब होने वाला है।

ऐसे में आलिया भी अपने 10 साल के इस सफर को लेकर कितनी उत्साहित हैं, उन्होंने इसके बारे में एंटरटेनमेंट हेड श्रवण शाह से एक्सक्लूसिव बातचीत में अपने अनुभव शेयर किये हैं,

इस खास इंटरव्यू में आलिया कहती हैं

मुझे भी यह महसूस नहीं होता है कि दस साल गुजर गए हैं, मुझे अभी भी लगता है कि मैं वही लड़की हूँ, जो घर पर बैठी हुई है और आगे क्या करना है, इसके बारे में सोच रही हो, लेकिन हाँ, मैं यह जरूर कहूँगी कि हाँ, मेरे काम और जिंदगी को लेकर, जो मेरा अप्रोच है, वह कहीं न कहीं थोड़ा शिफ्ट हुआ है। इस लिहाज से मैं जरूर कहूँगी कि मुझे ऐसा लगता है कि मैं दस साल पहले जैसी थी, उससे अब एक अलग इंसान हूँ। मुझे लेकिन काम के लिहाज से यही लगता है कि मैं अब भी बहुत नयी हूँ और मुझे अभी भी बहुत कुछ नया जानने और सीखने की उत्सुकता है।

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क्या आलिया इतनी कामयाबी हासिल करने के बाद, अब दबाव महसूस करती हैं, इस बारे में आलिया साफ़ कहती हैं कि मैं कभी खुद को प्रेशर में डालना पसंद नहीं करती हूँ।  मुझे एक जगह पर बैठ कर काम करना पसंद नहीं है। मैं जल्दी बोर भी हो जाती हूँ, इसलिए मैं अपने लिए एक जैसे किरदार नहीं चुन सकती हूँ। इसलिए मैं ऐसा कहूँगी कि मैं खुद को अलग-अलग किरदार चुन कर संतुष्ट करती हूँ।

आलिया ने इसी इंटरव्यू में बताया कि उन्हें ‘ढोलीदा’ गाने करने में कितनी मेहनत करनी पड़ी।

वाकई, आलिया मैं तो आपकी यह दिलचस्प बातें सुन कर और अधिक इंस्पायर हो रही हूँ कि जल्द से जल्द आपकी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ रिलीज हो और उसे देखने का मौका मिले, क्योंकि मैं क्या इस बात से दर्शक भी सहमत होंगे कि आपने इस फिल्म में खुद को काफी चैलेन्ज किया है और अपना बेस्ट दिया है। मुझे तो 25 फरवरी के आने का बेसब्री से इंतजार है।