जब मैंने अतुल कुलकर्णी की फिल्म ‘नटरंग’ देखी थी, तो लम्बे समय तक उनके किरदार के ऑ में रही थी, मुझे यह सोच कर वाकई में हैरानी हुई थी कि किसी अभिनेता के लिए ‘नटरंग’ जैसे किरदार में ढलने के लिए, क्या तैयारी रही होगी, उसकी क्या डेडिकेशन रही होगी। फिर हाल ही में मैंने जब अतुल कुलकर्णी से बातचीत की, तो उन्होंने मुझसे एक बात शेयर की कि इंडस्ट्री में 20 साल गुजार लेने के बावजूद, आज भी जब उनके पास कोई कहानी आती है, तो वह किसी बच्चे की तरह कहानियों को सुनते हैं, ताकि वह सही कहानी का चुनाव कर पाएं। वह कभी नहीं सोचते कि वह अब 20 साल अनुभवी हो चुके हैं तो किसी भी कहानी में कम दिलचस्पी दिखाएं, अतुल कहते हैं कि इससे मुझे कहानियों को चुनने में आसानी होती है। अतुल अपने 20 साल से भी अधिक अभिनय के सफर से बेहद खुश और संतुष्ट हैं और शायद उनके काम करने की ही शिद्दत है कि अब भी उन्हें कई बेहतरीन फिल्में और प्रोजेक्ट्स मिल रहे हैं। इन दिनों वह ‘अ थर्स्ड डे’ फिल्म और अपने आने वाली सीरीज ‘रुद्र’ को लेकर काफी चर्चे में हैं। ऐसे में उन्होंने मुझसे अपने अबतक के करियर और फिल्मों के चुनाव को लेकर कई सारी दिलचस्प बातें की हैं।

रुद्र ओटीटी की दुनिया का सबसे बड़ा शो है

अतुल कुलकर्णी का मानना है कि वह हमेशा कहानी को ही तवज्जो देते हैं। ‘रुद्र’ की कहानी में उन्हें वह बात नजर आई, इसलिए उन्होंने फिल्म को हाँ कहा।

वह कहते हैं

अगर मुझे कोई कहानी सुनने में मजा आ रहा है तो मैं वैसी कहानियों से जुड़ना पसंद करता हूँ। मैंने हमेशा कहानी को ही तवज्जो दिया है, कहानी में कुछ बात होती है, तभी मैं उसके साथ जुड़ता हूँ, साथ ही अजय देवगन जो कि इतने बड़े सुपर स्टार हैं, वह अगर किसी प्रोजेक्ट से जुड़े हैं, तो जाहिर है कि ओटीटी पर यह अबतक का बड़ा शो होगा। साथ ही मैं रुद्र के बारे में कहना चाहूंगा कि इसमें एक्शन थ्रिलर तो हैं ही, साथ ही इसमें जो एक इमोशनल एंगल है कहानी में, उसने मुझे काफी प्रभावित किया है।

अजय के साथ 22 वर्षों बाद किया है काम

अतुल बताते हैं कि अजय देवगन के साथ, उन्होंने खाकी फिल्म में काम किया था। इसके बाद से उन्हें कभी एक साथ काम करने का मौका नहीं मिला था, ऐसे में एक बार फिर से रुद्र में साथ आकर वह बेहद खुश हैं।

वह कहते हैं

अजय एक अच्छे निर्देशक भी हैं, निर्माता भी हैं और उनमें तकनीकी समझ भी काफी अच्छी है। यही नहीं वह एक लेखक की तरह भी सोचते हैं, तो जब वह साथ होते हैं, तो ऐसे लोगों से इंस्पायर होना अच्छा लगता है। ऐसे लोगों के साथ जब आप काम करते हो, तो आपको 25 साल का अनुभव सामने नजर आता है। फिर चाहे वह उनके संवाद बोलने का तरीका हो या फिर सेट पर शूटिंग से इतर, जब वह अपने अनुभव शेयर करते हैं, तब भी काफी कुछ आप उनसे सीखते हैं। उन्हें मैं एक्शन निर्देशक भी मानता हूँ, उनको बहुत जानकारी है। अजय जैसे कलाकार आपके साथ होते हैं, तो यह आप पर होता है कि आप उनसे क्या ले सकते हैं। मुझे लगता है कि हमारी जिम्मेदारी होती है कि आप कैसे उनसे बहुत अच्छा ले लें, तो मेरी भी यही कोशिश रही।

हर किरदार में नयापन लाने की रहती है कोशिश

अतुल कहते हैं कि मैंने अबतक जिन फिल्मों को हां कहा है, मैंने हमेशा से यह कोशिश की है,जो चीजें करना चाहता हूँ, वहीं करूं, मुझे कई निर्देशकों ने अच्छी कहानियां दी हैं, तभी मैं अच्छा कर पाया हूँ। मुझसे दर्शक जुड़ पाते हैं, क्योंकि वह मुझे अपने पास का ही पाते हैं, इससे उन्हें जुड़ाव महसूस होता है।

Source : Instagram I @atulkulkarni_official

20 साल का सफर रहा है खास

अतुल कहते हैं कि उनका अबतक का सफर बेहद खास रहा है। उनकी मेहनत तो रही है, लेकिन उन्हें अच्छे लोगों का साथ भी मिलता गया।

वह कहते हैं

मैंने अबतक कई भाषाओं में काम किया है। मैंने हिंदी, दक्षिण की जो प्रमुख भाषाएं हैं, उनमें भी काफी काम किया है और साथ ही मराठी में भी काम किया है, इसलिए भी दर्शक मुझसे हर क्षेत्र के दर्शक मुझसे कनेक्ट हो पाए हैं। मैं एक बात और कहना चाहूंगा कि मुझे अच्छे निर्देशकों का साथ मिला है और मैं सही वक़्त पर, सही जगह पर था, यह भी एक वजह रही कि मुझे काफी कुछ अपनी काबिलियत को अच्छे निर्देशकों के साथ निखारने का मौका मिला। ऐसे में मैंने भी अपने अभिनय कौशल को खूब निखारा है।

‘लुथर’ पर आधारित है, लेकिन उससे एकदम अलग हमारे इमोशन हैं

रुद्रलुथर’ पर आधारित है और इसके कई रीमेक बन चुके हैं। और कई भाषाओं में बन चुके हैं, ऐसे में जब ‘रुद्र’ की तुलना होगी तो इस बारे में अतुल क्या सोचते हैं।

अतुल कहते हैं

मुझे लगता है कि भले ही वह कहानी पहले से दिखाई गई हो, कई भाषाओं में कही गई हो, लेकिन वह कहानी हम तक कैसे पहुँच रही है, यह जानना जरूरी है, देखना जरूरी है। हर देश की अपनी भाषा, इतिहास और इमोशन होते हैं। तो हमारे देश में भी यह कहानी कैसे आ रही है, किस भाषा और इमोशन के साथ आ रही है। वह मायने रखता है। वहां भी दो दोस्त की कहानी है, यहाँ भी है, लेकिन उसका परिपेक्ष्य अलग होगा, बाकी चीजें भी अलग होंगी। इसलिए मैं इसे कोई चैलेन्ज नहीं मानता हूँ, अगर कहानी में बात होगी तो वह फिल्म आपको आकर्षित करेगी ही।
Source : Instagram I @atulkulkarni_official

कॉमेडी करने की चाहत है

अतुल कहते हैं कि ऐसे तो उन्होंने हर तरह के जॉनर उन्होंने आजमाए हैं, कॉमेडी भी उन्होंने ट्राई किया है और यह जॉनर और ट्राई करना चाहते हैं।  

फिल्में हमेशा रहेंगी

अतुल कुलकर्णी फिल्मों और ओटीटी की तुलना को बिल्कुल सही नहीं मानते हैं,

वह कहते हैं

यह हमेशा ही चलती रहेंगी और होती रहेंगी। अभी एक बार थियेटर खुलेंगी और बड़ी फिल्में रिलीज होंगी, तो अपने आप फिर से पहले जैसा माहौल हो जायेगा। इसलिए मैं कभी नहीं मान सकता कि सिनेमा का दायरा छोटा होगा। जहाँ तक बात है ओटीटी की तो, यह एक अच्छा माध्यम है कि आप अपनी कहानियों को कई सीरीज में दर्शकों के सामने पहुंचा सकते हैं। तो दोनों की अपनी खूबियां हैं और किसी को किसी से कमतर आंकना सही नहीं है।



वाकई, अतुल कुलकर्णी से बातचीत के दौरान, हर बार यही महसूस होता है कि आप कुछ नया ही सीख रहे हैं, अब भी वह जितनी मेहनत और फ्रेशनेस के साथ अपने प्रोजेक्ट कर रहे हैं कि आज भी उनकी लोकप्रियता सिर चढ़ कर बोल रही है और दर्शक उन्हें काफी पसंद कर रहे हैं। ऐसे में उनके आने वाले प्रोजेक्ट रुद्र में उनके किरदार को देखने के लिए मैं उत्सुक हूँ।