मेरा मानना है कि अगर कोई अभिनेत्री, जिन्होंने ब्यूटी पेजेंट की दुनिया देखी है, वह कॉन्फिडेंस से भरपूर होती हैं और शायद यही वजह है कि वह जब स्क्रीन पर आती हैं, तो काफी प्रोमिसिंग दिखती हैं। कुछ ऐसा ही कॉन्फिडेंस लेकर मिस इंडिया का हिस्सा रह चुकीं  गायत्री भारद्वाज भी आई हैं, जो अपनी नयी फिल्म ‘इत्तु सी बात‘ को लेकर चर्चे में हैं। इससे पहले उन्होंने भुवन बाम के साथ ‘ढिंढोरा ‘में भी काफी काम किया था और जल्द ही वह तेलुगू फिल्म के सुपरस्टार रवि तेजा के साथ ‘टाइगर नागेश्वर राव ‘फिल्म में भी नजर आएँगी। उन्होंने मुझसे अपने अब तक के सफर के बारे में विस्तार से बातचीत की है, मैं उस बातचीत के अंश यहाँ शेयर कर रही हूँ। 

200 से भी अधिक ऑडिशन दिए हैं मैंने 

गायत्री भारद्वाज बताती हैं कि उन्होंने 200 से भी अधिक ऑडिशन दिए हैं, तब जाकर एक अच्छा मौका मिल पाता है। 

वह बताती हैं 

हर एक्टर्स के लिए, जो बाहर से आये हैं, जिनका ऐसा कोई बैकग्राउंड नहीं हैं, उनके लिए जर्नी ऐसी ही होती है कि उन्हें कई ऑडिशन देना होता है, वही प्रोसेस होते हैं, मैंने भी कई सारे ऑडिशन दिए हैं 200 से अधिक शायद, तब जाकर मुझे इत्तु सी बात जैसी फिल्म मिली है। इस फिल्म की कहानी  काफी स्वीट और सिम्पल है और फिल्म से लक्ष्मण सर का नाम जुड़ा था, तो मुझे पूरा यकीन हो गया था कि ये कहानी वर्क करेगी। हमारा अच्छा संयोग मिला, इस फिल्म से। 

अपने पैशन को कर रही हूँ फॉलो 

गायत्री कहती हैं कि भले ही एक्टिंग में चांस मिलने में उन्हें लम्बा समय लगा हो, लेकिन उन्होंने कभी भी पैशन से पीछा छुड़ाने के बारे में नहीं सोचा। 

वह बताती हैं

मैं डेंटिस्ट हूँ, मैंने बाकायदा इसमें पढ़ाई की हुई है, लेकिन जब मैं यह कर रही थी और रेगुलर प्रैक्टिस पर जा रही थी, उस वक़्त मैंने मेरे मन से पूछा कि क्या मैं यह करना चाहती हूँ, क्योंकि मुझमें वह पैशन इस काम के लिए नहीं दिखाई दिया मुझे। मुझे तो कैमरे के सामने रहना, सोशलाइज करना, लोगों से मिलना, बहुत अधिक अच्छा लगता है, फिर मुझे लगा कि मुझे अपना पैशन फॉलो करना चाहिए और फिर मैं इस फील्ड के लिए खुद को तैयार करने में लग गयी। यह सच है कि मैं पढ़ी-लिखी हूँ, तो मेरे पास बैकअप प्लान भी है, लेकिन मुझे मेरे पैशन को ही जीना है।

ब्यूटी पेजेंट से होती है ग्रूमिंग, लेकिन एक्टिंग है अलग दुनिया 

गायत्री स्पष्ट रूप से बताती हैं कि ब्यूटी पेजेंट से जुड़ने के बावजूद, जब एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा जाये, तो बहुत कुछ बदल जाता है।  

वह विस्तार से बताती हैं 

मिस इंडिया या किसी भी ब्यूटी पेजेंट से जब आप जुड़ते हो, तो आपकी एक जो बेसिक ग्रूमिंग होती है, वह अच्छी हो जाती है। उससे भी ज्यादा, जो आपकी पॉपुलैरिटी होती है या फेम होता है, वह भी शुरुआती दौर में मिलता है। आपको इंटरव्यू देने की आदत हो जाती है, मीडिया से बातें करने की आदत हो जाती है, पब्लिक अपीयरेंस देने की आदत हो जाती है। कैमरे के सामने कैसे प्रेजेंट करना है खुद को कि आप किस एंगल में अच्छे लगते हैं कि नहीं, यह सबकुछ जानना भी बतौर एक्टर फायदेमंद साबित होता है। लेकिन एक्टिंग क्राफ्ट के रूप में बिल्कुल अलग है। एक्टिंग में अलग वॉल गेम है, क्योंकि एक्टिंग करने के लिए, आपको खुद को कैरेक्टर में ढालना होता है, वहां आप यह मान कर नहीं बैठ सकते कि मैं एक सुंदर लड़की हूँ तो मुझे ऐसा ही दिखना है। एक बात और है कि एक्टिंग की दुनिया में आकर, आपको बहुत कुछ अनलर्न भी करना पड़ता है। यहाँ सबकुछ भूल कर, रॉ होना पड़ता है कैमरे के सामने।

मैं मटरलिस्टिक नहीं हूँ 

गायत्री कहती हैं कि वह भले ही अंग्रेजीदां स्कूल में पढ़ी हैं, लेकिन वह प्यार में मटरलिस्टिक चीजों को तवज्जो नहीं देती हैं। 

वह बताती हैं

मैं सच कहूँ, तो इत्तु सी बात की नायिका की तरह,उसकी जो  आर्थिक स्थिति है या फिर जिस शहर से वह सम्बन्ध रखती है, उससे मैं तो रिलेट नहीं करती हूँ, क्योंकि मैं दिल्ली से हूँ और वहां के जाने-माने मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की है। मेरे पापा पायलेट हैं, तो उसकी वजह से मैं दुनिया बहुत घूमी हूँ और मेरे एक्सपोजर लेवल भी हाई है काफी। इस फिल्म में इस शहर की जो लड़की है, जो चुन्नार की है, उसने ज्यादा दुनिया नहीं देखी नहीं है। तो मुझे यह किरदार निभाने के लिए अपने बचपने में जाना पड़ा, जैसे मैं हुआ करती थी, जो इनोसेंस होता है। इसलिए मेरे लिए चैलेंजिंग रहा ये कैरेक्टर। लेकिन मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है। 

वह आगे कहती हैं 

जहाँ तक बात है मेरे लाइफ पार्टनर की खूबियों की तो मैं यही कहूँगी कि मैं जिनके साथ भी रिलेशनशिप में जाऊंगीं, मैं पहले उन्हें परखना चाहूंगी, आपको उनको टेस्ट करना चाहिए, वह वेटर से कैसे बात कर रहा है, वह ड्राइवर से कैसे बात करता है, मेरे लिए उनका एम्बिशन होना, उनके कोर व्यूज क्या है, उसकी चैरिटी पर क्या व्यूज है। यह सब जानना जरूरी है, मुझे तो यह भी लगता है कि मैं जब खुद अपने आप को इतना काबिल समझती हूँ, तो मुझे किसी और की जरूरत क्यों होगी, अपने बलबूते मेरे शौक मैं पूरा कर सकती हूँ। 

लाइफ पार्टनर को परखना जरूरी है 

गायत्री रिलेशनशिप को लेकर खुल कर अपने विचार रखती हैं। 

वह कहती हैं 

मुझे तो यह भी  लगता है कि अगर दो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं, और दोनों को पता है कि क्या करना है, तो मुझे लगता है कि शादी की जरूरत ही क्या है, क्योंकि अगर कोई सर्टिफिकेट के कारण आपके साथ है, तो फिर वह सही इंसान ही नहीं है आपके लिए, क्योंकि किसी को कमिटेड रिलेशन में रहना है, तो वह बिना शादी के भी आपके साथ कमिटेड रहेगा। लेकिन हमारी जो सोसाइटी है, उसके लिए करना पड़ता है। मैं भी शायद कभी न कभी करूंगी,  लेकिन लिव इन रिलेशनशिप को एक नॉर्म होना चाहिए, मुझे लगता है कि ऐसे कैसे कोई शादी कर लेगा। तो मैं तो ट्राई करना चाहूंगी। 

मिस इण्डिया हैं, तो सबकुछ मिल गया, ऐसा नहीं होता है 

गायत्री कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि मिस इण्डिया हो जाने से सबकुछ मिल जाता है, उन्होंने भी यह रियलिटी थोड़े देर के बाद समझी 

वह बताती हैं 

जब आपके पास मिस इंडिया का टाइटिल  होता है, तो लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ जाती हैं, आपको ऐसा लगता है कि सबकुछ आसानी से मिल जायेगा, लेकिन यहाँ आने के बाद आपको अपना ईगो या अपने बारे में परसेप्शन हैं , तो ये इंडस्ट्री आपको हुमिलिटी सीखा देती है, क्योंकि मिस इंडिया के तुरंत बाद का जो एक साल है, मुझे याद है कि मैं किस एटीट्यूड से लोगों से मिलती थी और अब जब यहाँ की जो हार्श रियलिटी है, उसको स्वीकारना ही पड़ता है। आप सिर्फ अपनी ब्यूटी के बल पर आप यहाँ नहीं कर सकते। 

ब्यूटीफिकेशन को लेकर कभी किसी ने कुछ नहीं कहा 

गायत्री कहती हैं कि उन्हें कभी अपने चेहरे या किसी फिजिकल चेंज की बात नहीं कही है किसी ने। न ही सलाह दी है। 

वह बताती हैं 

अभी तक मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ है, फिजिकल चेंज करने को, बल्कि मुझे तो लोगों ने कहा है कि इंडस्ट्री के एक्सपोजर के बाद, कुछ करा नहीं लेना। दरअसल, मेरा मानना है कि हमारी जो अपनी इनसिक्योरिटी होती है, हम उसे तवज्जो नहीं देते हैं, जबकि बाहर वालों को वहीं चीज अच्छी लगती है। इसमें हालाँकि खराब नहीं है। अगर हर कैमरा फ्रेम में खराब कर रहा है, तो उसको करना जरूरी है। मुझे भी अपने फेस को लेकर कई इनसिक्योरिटी हो जाती है, शायद मुझे कुछ करना पड़े, लेकिन मुझे कभी ऐसी सलाह नहीं मिलती है। हाँ, यह प्रेशर तो है कि मैं परफेक्ट दिखूं, तो मैं खुद को फिट रखने की कोशिश करती हूँ। हेल्दी खाना खाती हूँ, मैं खुद को इस तरह से फिट रखना चाहती हूँ कि मुझे हर तरह के रोल्स मिलते रहें। 

रवि तेजा के साथ मौका मिलना बड़ी बात है 

गायत्री बताती हैं कि उनकी फिल्म टाइगर नागेश्वर राव में उन्हें रवि तेजा के साथ काम करने का मौका मिला है, जो कि उनके लिए बड़ी बात है। 

वह बताती हैं 

फिल्म टाइगर नागेश्वर राव में मुझे रवि तेजा सर के साथ काम करने का मौका मिला है, जो कि मेरे लिए बड़ी बात है। अभी फिलहाल मेरे हिस्से की शूटिंग मैंने शुरू नहीं की है, लेकिन हम सभी फिल्म अनाउंसमेंट के दौरान मिले थे। रवि सर बहुत ही विनम्र हैं, दरअसल, वहां सभी काफी विनम्र हैं। मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।

वाकई, मैं तो गायत्री से बातचीत करके काफी प्रभावित हुई हूँ। रिश्ते, एक्टिंग की दुनिया और कई मुद्दों पर उन्होंने खुल कर बातचीत की है, जो इस इंडस्ट्री में आने वाले न्यू कमर्स को जाननी और समझनी चाहिए। ऐसे में मुझे उनके आत्मविश्वास पर पूरा विश्वास है कि उनकी फिल्म इत्तु सी बात जो रिलीज हो रही है 17 जून 2022 को दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।