मेरा मानना है कि भारत के इतिहास के लिए 25 जून 1983 और हिंदी सिनेमा के इतिहास के लिए 25 जून 1992, ये दोनों ही दिन ऐतिहासिक हैं, क्योंकि जहाँ इसी दिन 39 साल पहले भारत ने कपिल देव के नेतृत्व में अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था, तो दूसरी तरफ शाह रुख खान की फिल्म दीवाना रिलीज हुई थी और हिंदी सिनेमा को अपना नया सुपरस्टार मिला था। इस वर्ल्ड कप ने भारत में क्रिकेट को नई दिशा दी, तो शाह रुख खान ने हिंदी सिनेमा को एक ऐसा सितारा दिया, जिसमें हर फैंस ने खुद को ढूंढा, मैं तो दिल से शाह रुख खान को थैंक यू कहना चाहूंगी कि उन्होंने हमारा इतने सालों तक लगातार मनोरंजन किया है, प्यार दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है, उस एहसास से राब्ता कराया है। ऐसे में 30 साल पूरे होने पर शाह रुख ने, एक बार फिर से इंस्टा लाइव के माध्यम से दर्शकों से रूबरू हुए, मैंने  तो यकीन मानिए, उनकी आवाज सुनने के बाद, वहीं खनक महसूस की।  उनकी कुछ उन्हें बातों को मैं यहाँ शेयर कर रही हूँ, ताकि सनद रहे। 

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फिल्म मेकिंग है 100 मीटर रेस 

शाह रुख साफ़ कहते हैं कि वह फिल्म मेकिंग को 100 मीटर रेस मानते हैं। 

वह इस बारे में कहते हैं 

फिल्म मेकिंग 100 मीटर की रेस की तरह है। आप भले ही दो से तीन साल तक ट्रेनिंग लो।  कभी आप रिकॉर्ड ब्रेक करते हैं, कभी नहीं कर पाते हैं।  कभी आपको परेशानी होती है, कभी आप सबकुछ हासिल कर लेते हैं। कभी-कभी आप बस चुनौती को पूरी करने वाले होते हैं कि कोई और आकर चुनौती पार कर जाता है। 

तो आप बस अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं।  लेकिन आपको पता नहीं होता है कि दस सेकेण्ड  क्या गलती हो जाती है। हमेशा आपकी यही कोशिश होती है कि आप अपना बेस्ट ही दें।  फिल्म मेकिंग के बारे में मैं बस यह मानता हूँ कि  दुनिया में यह बेस्ट चीज है, जो मैं कर रहा हूँ।

पठान, डंकी और जवान के बारे में ये कहा 

शाह रुख खान से जब यह जानने की कोशिश की गई कि उनकी आने वाली तीनों फिल्मों में से उनकी फेवरेट फिल्म कौन सी होगी। 

उन्होंने यह कहा 

मेरे लिए हमेशा फिल्म मेकिंग का प्रोसेस खास रहेगा, 90 प्रतिशत बतौर एक्टर मैं अपने काम को एन्जॉय करता हूँ, मेरी हर फिल्म, जिसका मैं हिस्सा हूँ, सभी फिल्में मेरे लिए खास हैं और रहेंगी। मैं इनमें से किसी एक को चुन नहीं पाऊंगा .

हंसना मेरे लिए सबसे कठिन है 

शाह रुख ने इस बारे में भी बात की है कि उनके लिए स्क्रीन पर सबसे कठिन क्या है। 

उन्होंने यह कहा 

मेरे लिए स्क्रीन पर हंसना बेहद कठिन काम होता है, इसलिए मेरी कोशिश होती है कि मैं ऐसे दृश्य न करूँ।

26 साल की उम्र से एक्शन फिल्म करना चाहता था 

शाह रुख ने खुद स्वीकारा है कि वह हमेशा से एक्शन फिल्म करना चाहते थे। 

उन्होंने यह कहा 

मैं पठान जैसी फिल्म 26 -27 की उम्र में करना चाहता था, लेकिन 56 साल की उम्र में इसे कर रहा हूँ। मैं एक माचो बन रहा हूँ।

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दीपिका और मेरी एक जैसी हेयरस्टाइल 

शाह रुख खान के जो भी फैंस हैं, वह यह बात जानते होंगे कि शाह रुख का सेन्स ऑफ़ ह्यूमर कितना कमाल का है। ऐसे में उन्होंने अपनी फिल्म पठान में अपनी को-स्टार दीपिका के बारे में क्या कहा है, यह जानना दिलचस्प है। 

उन्होंने यह कहा 

मुझे बालों से हमेशा से प्यार रहा है। मेरी हमेशा से चाहत थी कि मेरे लॉन्ग हेयर हों। ऐसे में ऐसा कई बार हुआ है कि इस फिल्म में मेरे और उसके एक जैसे हेयरस्टाइल हो गए हैं। यह पहली बार है, जब मैं अपनी को-स्टार की हेयरस्टाइल चेक करा हूँ, ताकि मैं उसे कॉपी न कर लूँ।

कभी नहीं सोचा था 30 साल का सफर होगा पूरा 

शाह रुख खान कहते हैं कि उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा था कि वह 30 साल तक इंडस्ट्री में सेलिब्रेट करेंगे। 

उन्होंने इस बारे में ये कहा 

मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं 30 साल तक इंडस्ट्री में रहूँगा।  मुझे लगा था, मैं यहाँ सिर्फ एक साल के लिए हूँ, अगर मैं काम नहीं करता तो शायद मैं जॉब ही करता।  इसलिए मैंने मेरी मॉस कम्युनिकेशन और इकॉनिमक्स की पढ़ाई पूरी की।

30 साल पूरे करने का जश्न फिल्म सेट पर मनाना खास है 

शाह रुख खान ने अपने 30 साल के जश्न को मनाने के लिए, फिल्म सेट ही चुना। 

उन्होंने इस बारे में बताया 

यह बहुत ही प्यारा अनुभव है कि मैं अपने 30 साल के सफर को फिल्म सेट पर मना रहा हूँ।  मैंने 15 घंटे सेट पर बिताये। मैंने 4 . 30 बजे सुबह शूटिंग शुरू की और 8 . 30 बजे काम खत्म किया। यह मेरे लिए सबसे संतोषजनक और संतुष्ट करने वाली बात है।

फैन, जीरो जैसे किरदार रहे खास

शाह रुख कहते हैं कि उन्हें फैन, जीरो और ऐसी कई फिल्में करने में मजा आया। लेकिन उनके लिए यह भी अफ़सोस की ही बात है कि दर्शक ने इसे पसंद नहीं किया। 

वह इस बारे में कहते हैं 

मुझे जीरो, फैन, रा वन जैसे किरदार को करने में मजा आया, लेकिन यह ऑडियंस के साथ अच्छी नहीं रही। काश  कि मैं इन्हें और अच्छे से बना पाता।

अपने निर्देशक के साथ एक साल तक वक्त बिताना पसंद करता हूँ 

शाह रुख खान ने अपने फेवरेट निर्देशकों के बारे में बताया है। 

वह कहते हैं 

मैं कभी भी किसी ऐसे निर्देशक के साथ काम नहीं करता हूँ, जिन्हें  मैं प्यार नहीं करता हूँ। अगर मैं उनसे पहले नहीं मिला होता हूँ, तो मैं उनके साथ एक साल बिताना पसंद करता हूँ।

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उन्होंने आगे इस बारे में कहा 

मुझे सेट पर रहना बेहद पसंद है। मैं जो भी फिल्में बनाता हूँ, मैं कोशिश  करता हूँ कि कम से कम 140 दिन मैं सेट पर बिताऊं, उस फिल्म के साथ। मैं सेट पर खुश होने में यकीन करता हूँ।  मेरे सारे डायरेक्टर्स हैप्पी रहने वाले ही रहे हैं। मैं उन सभी के साथ 99 प्रतिशत एन्जॉय किया है।

एक समय पर एक फिल्म करना पसंद है 

शाह रुख ने कहा वह एक समय में एक ही फिल्म करना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ खास कारणों से अब वह दो फिल्म एक साथ कर रहे हैं। 

वह इस बारे में कहते हैं 

मुझे एक समय में एक ही फिल्म करना पसंद है, लेकिन पिछला कुछ साल कठिन रहा है, दो फिल्मों को एक ही समय पर करने में।

खुद को आलसी इंसान मानते हैं शाह रुख 

शाह रुख खान खुद के बारे में कहते हैं कि वह एक आलसी आदमी हैं और  इसलिए उनके बच्चे भी उन्हें पसंद करते हैं। 

वह कहते हैं 

मैं काफी आलसी आदमी हूँ, मेरे पास अगर काम न हों, तो मैं पूरे दिन बिस्तर पर बिना नहाये, सिर्फ चिप्स और कोल्ड ड्रिंक लेकर बैठ सकता हूँ। इसलिए मेरे बच्चे मुझे बहुत प्यार करते हैं। 

वहीं उन्होंने अपने स्लीपिंग वाले घंटे के बारे में कहा 

मुझे पांच घंटे से ज्यादा नींद नहीं आती है और अगर मैं ज्यादा सो जाता हूँ, तो मुझे सिर में दर्द हो जाता है।

सोने के दौरान भी कर सकता हूँ छईया -छईया 

शाह रुख का मानना है कि फिल्म दिल से का गाना छईया -छईया उनका इतना फेवरेट है कि उसके स्टेप्स हो नींद में भी कर सकते हैं। 

वह कहते हैं 

मैं सोने में भी छईया -छईया के स्टेप्स दोहरा सकता हूँ। मैं उन गानों को इतना पसंद करता हूँ, मुझे छम्मक छल्लो भी पसंद है और इन गानों को सुन कर मुझे ख़ुशी मिलती है कि यह मेरे गाने हैं।

वाकई, शाह रुख यह आप ही कर सकते हैं कि अपने इंस्टा लाइव की बातचीत में भी आपने, हंसी के फव्वारे, मसाला एंटरटेनमेंट, प्रेरणादायी बातें, अपने निर्देशकों को सम्मान देने की बात, परिवार के साथ वक़्त बिताने की बात, अपने प्रोफेशन के सम्मान की बात और अपनी ख़ुशी और ड्रीम की बात, सबकुछ शामिल कर लिया। मैं इसे आपकी ही खूबी मानती हूँ कि आप एक बेहतरीन कम्युनिकेटर हैं और यही वजह है कि आपसे एक कनेक्ट मैं हमेशा महसूस करती हूँ। ऐसे में मैं तो यही चाहत करती हूँ कि आप और अगले कई सालों तक हमारे दिलों पर राज करें और अगले साल 25 जनवरी 2023 को एक बार फिर से 25 अंक आपके लिए खास हो जाये और आपको 25 जून 1992 वाली ही कामयाबी मिले, फिल्म पठान की रिलीज के साथ। गुड लक शाह रुख