अभी कुछ समय पहले ही अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी ने अपने होम प्रोडक्शन की शुरुआत की है और प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखा है। प्रोडक्शन से जुड़ने के पीछे की वजह क्या रही, मेरे इस सवाल के जवाब में कीर्ति ने बड़ी ही दिलचस्प बात कही कि वह अपनी क्रू में ज्यादा से लड़कियां क्रू ही रखना चाहती हैं। उन्होंने इस बारे में अपनी बात रखी कि वह चाहती हैं कि लड़कियां क्रू के लिए सुरक्षित वर्क स्पेस और माहौल बने। उन्होंने इस बारे में अपनी बातचीत में कहा कि मैं अच्छी तरह से जानती हूँ कि काम के दौरान, जो इस फील्ड से जुड़ी हुई हैं, उन्हें किस तरह के माहौल से गुजरना पड़ता है। मेरी बेहद ख्वाहिश है कि मैं अपने होम प्रोडक्शन में जेंडर न्यूट्रल स्पेस क्रिएट करूं। जैसे अगर कोई लड़की वैसे क्षेत्र में है, जिसमें सिर्फ लड़के हैं। जैसे कैमरे के काम में, लाइटिंग के काम में, तब भी वह यह सोच कर काम न करे कि लड़कों के बीच कैसे हो पायेगा। उसमें वह आत्मविश्वास रहे कि कई लड़कों के बीच भी वह काम कर सकती है। सोलो गर्ल होते हुए भी उसे कोई भी सिचुएशन ऑक्वर्ड न लगे। मुझे कीर्ति की इस बात ने काफी प्रभावित किया था। मुझे यह कल्पना थोड़ी अलग तो लगी, लेकिन बेहद नेक लगी कि किसी ने ऐसा सोचा है। अब कुछ ऐसा ही ख्याल लेकर मशहूर अभिनेत्री ऋचा चड्डा भी चल रही हैं।  उन्होंने भी हाल ही में अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया है, जिसमें वह केवल महिला क्रू को ही शामिल करने वाली हैं। हालाँकि ऋचा ने मुझे एक चौंकाने वाली बात यह भी बताई कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहाँ एक भी महिलाएं नहीं हैं और ऋचा इसी खाई को मिटाने की एक पहल करना चाह रही हैं।  उनका मानना है कि वह एक अलग माहौल देना चाहती हैं और देखना व महसूस करना चाहती हैं कि माहौल कैसा लगता है। ऋचा के बारे में मैं यह बात तो पूरे यकीन के साथ कह सकती हूँ कि ऋचा जो भी करती हैं, स्वैग से करती हैं और इस बार भी वह कुछ प्रोडक्शन में धमाल और अनोखा ही करेंगी। ऋचा ने मुझसे अपनी इस बातचीत में अपने हाल ही में रिलीज हुए शो ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’, अपने प्रोडक्शन हाउस और कई दिलचस्प बातें शेयर की हैं।

प्रोडक्शन से आपको पॉवर महसूस होता है

ऋचा कहती हैं कि हम सभी एक्टर्स, जिन्होंने अपने दम पर पहचान बनाई है, कभी न कभी धक्के खाये हैं।

वह कहती हैं

मुझे लगता है कि बहुत सारे ऐसे एक्टर्स होते हैं, जब उनको ऐसा लगता है कि समझ में आता है, प्रोडक्शन में बहुत सारा पॉवर है, तो हम उसका हिस्सा होना चाहते हैं। हम सबने कहीं न कहीं धक्के खाये हैं, कई बार ऐसा लगा है कि काश! हम क्रिएटिव होकर उसको सपोर्ट कर पाते। कई बार ऐसा दिमाग में आता है कि मेहनत तो हम करते हैं। लेकिन फल उतना नहीं मिलता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ।

औरतों का क्रू होगा

ऋचा ने तय किया है कि उनके प्रोडक्शन में फिलहाल सिर्फ महिलाएं होंगी। इसके पीछे वह अपनी खास वजह बताती हैं।

वह कहती हैं

मेरी यही विशलिस्ट थी कि पूरा क्रू औरतों का होगा। लेकिन हमें ऐसा बताया गया कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई पेशे हैं, जिनमें औरतें ही नहीं हैं। उस दिशा में भी हम कुछ पहल करने की सोच रहे हैं, हाँ यह सच जरूर है कि अभी हमारी यह ख्वाहिश पूरी तरह से पूरी नहीं हुई है, लेकिन हमने भी अपना आइडिया अभी गिव अप नहीं किया है। हां, हमने यह जरूर सोचा है कि  ज्यादा से ज्यादा महिलाएं सेट पर हों और जो मर्द हों, वह भी फेमिनिस्ट आदमी हों।

ऋचा ने एक दिलचस्प बात यह भी कही

मैं क्रिएटिव रूप से यह देखना चाहती हूँ कि अगर सब तरफ महिलाएं हों, तो कैसा लगता है। फिर किसी महिला को सेट पर नजर बचा कर कुछ करना न पड़े, कैसा महसूस करेंगी और अलग तरह से आजादी महसूस कर पाएंगी। यह मैंने सोचा है कि एक्टर्स को कम्फर्ट दूँ कि वह फ्री होकर घूमे। कई बार सेट पर काफी होता था, हेयरड्रेसर एक औरत होती थी,तो कोई माइक वाला माइक लेकर चला जाता था, और कॉस्ट्यूम वाला भी कहता था कि थोड़ा कपड़ें ठीक कर दो। तो मुझे ऐसा लगा कि इन सबको आजादी और कम्फर्ट मिले, इसलिए नारी प्रधान फिल्म है हमारी। और मैं चाहती हूँ कि महिलाओं के दिमाग में जेंडर को लेकर कोई दुविधा न हो।

कमर्शियल एक्टर्स भी अब ऑफबीट काम करने लगे हैं

ऋचा कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि ओटीटी की वजह से सब एक्सपेरिमेंट्स शुरू हुए हैं, पहले भी ऐसी फिल्में बनती रही हैं।

वह आगे कहती हैं

हिंदी सिनेमा अलग-अलग सिनेमा बनाते रहे हैं। कई वर्षों पहले तक अछूत कन्या जैसी फिल्में बनती रही हैं। अब बस यह हुआ है कि कमर्शियल सिनेमा में टॉपिक्स का दायरा बढ़ा है। इसलिए अब लोग एक्सपेरिमेंट्स हो रहा है। दीपिका की जैसी अभी फिल्म आई है गहराइयाँ, तो उन्होंने अलग अप्रोच से काम किया है। तो कमर्शियल एक्टर्स को ऑफबीट सिनेमा में देखने से भी दायरा बढ़ा है।

अली और हम एक दूसरे के काम को करते हैं रिस्पेक्ट


अली फजल और अपने रिश्ते के बारे में ऋचा कहती हैं कि मुझे ऐसा लगता है कि हम दोनों ही एक दूसरे को कॉप्लिमेंट करते हैं, और दोनों एक दूसरे की क्रिएटिविटी का सम्मान करते हैं, यही हमारे रिश्ते की सबसे खास बात है।

‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’ को मिला अच्छा रिस्पॉस


ऋचा कहती हैं कि वह बहुत खुशनसीब हैं कि उनके लिए लॉक डाउन का वक़्त काफी क्रिएटिव रहा, उन्होंने इस दौरान जम कर काम किया। बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। अपने शो द ग्रेट इंडियन मर्डर को मिल रही लोकप्रियता से भी ऋचा संतुष्ट हैं।

वह कहती हैं

ऐसे शोज और कहानियां अब खूब आ रही हैं, जिसमें खुद को एक्सप्लोर करने के मौके मिल रहे हैं। अभी तक मैंने जो भी किरदार निभाए थे, वह काफी रूरल या चिल्लाने वाले या थोड़े गुस्सैल वाले किरदार थे, लेकिन ग्रेट इंडियन मर्डर का किरदार मेरे लिए काफी स्ट्रेट फॉरवर्ड रहा और नॉर्मल रहा, शायद इसलिए भी लोगों को मेरा काम पसंद आया।

महिला दर्शक भी बढ़ी हैं

महिलाओं को ध्यान में रख कर सीरीज बन रही हैं, इस बारे में ऋचा ने मुझसे जो बातें कही हैं, वह बहन यूनिक बात है।

वह कहती हैं

पहले महिलाएं इतनी फिल्में देखने थिएटर नहीं जा पाती थीं, लेकिन अब वह अपने कम्फर्ट के हिसाब से सीरीज और फिल्में देख रही हैं और ओटीटी की दुनिया ने यह बात समझी है कि  उन्हें महिला दर्शक मिल रही है, इसलिए ऐसे विषय अब अधिक बनने लगे हैं।

ऋचा की आने वाली फिल्म ‘फुकरे 3′ के बारे में भी ऋचा ने कहा कि इस बार भी भोली पंजबान के किरदार में उनका नया अवतार दर्शकों के सामने होगा।

वाकई, ऋचा से मेरी जो भी मुलाकातें रही हैं, ऋचा की बातों ने हमेशा ही प्रभावित किया है। अपने दम पर अनोखी पहचान बनाने वाली ऋचा जब फिल्म लेकर आएँगी तो मुझे पूरी उम्मीद है कि वह इस क्राफ्ट के साथ पूरी तरह से न्याय करेंगी। उनको देख कर यही कहने का मन होता है कि ऐसी बेबाक, बिंदास और स्ट्रांग वुमेन आस-पास हों तो, हर दिन ही हैप्पी वीमेन डे है।