इन दिनों बड़े पर्दे पर आरआरआर का बोलबाला है, तो कम्प्यूटर स्क्रीन की कीवर्ड्स में रामचरण और जूनियर एनटीआर(एनटी रमाराव) का, क्योंकि एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर ने 1000 करोड़ क्लब में खुद को शामिल कर लिया है और इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा चुके जूनियर एनटीआर और रामचरण की लोकप्रियता लगातार पूरे भारत में बढ़ रही है, ऐसे में आपको मैं आपके पसंदीदा कलाकार जूनियर एनटीआर, जो कि रियल लाइफ में भी काफी विनम्र हैं, उनके बारे में मैं यह बताना चाहती हूँ कि उनकी हिंदी, अन्य साउथ इंडियन स्टार्स की तुलना में बहुत अच्छी है और इसका श्रेय वह अपनी माँ को क्यों देते हैं, उन्होंने यह बात शेयर की है।
माँ ने कहा हिंदी राष्ट्र भाषा है
जूनियर एनटीआर ने खुल कर इस बारे में बातचीत में कहा कि हिंदी भाषा को लेकर उनकी माँ, हमेशा से काफी कॉन्सस रहीं।
वह बताते हैं
मेरी हिंदी भाषा पर अच्छी कमांड इसलिए है, क्योंकि स्कूल में मेरी पहली भाषा हिंदी ही थी, मेरी माँ का पूरा इसमें श्रेय जाता है, माँ हमेशा कहा करती थी कि तुम्हें हिंदी आनी ही चाहिए, क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। इसलिए शुरू से मैंने इस भाषा पर काम भी किया और मेरा इस भाषा पर ठीक-ठाक कमांड भी है।
वह आगे कहते हैं
हैदराबाद में भी मैं ऐसे लोगों के भी करीब रहा हूं, जो अच्छी हिंदी बोलते थे और मजेदार बात यह है कि इसलिए भी मैंने आरआरआर को मैंने हिंदी में खुद डब किया है। सेट मैक्स पर अपनी डब हिंदी फिल्मों को देख कर थोड़ा अजीब लगता था कि मेरी एक्टिंग में किसी और की आवाज़ है। इसलिए मैंने तय किया कि मैं इस बार खुद ही डब करूँगा।
सलमान खान की कई हिंदी फिल्में देखी है
जूनियर एनटीआर, सलमान खान के फैन हैं और वह बताते हैं कि इसकी वजह से भी उनकी हिंदी पर कमांड बनी रही
![](https://wp.missmalini.com/wp-content/uploads/2021/02/165207635_197715395113193_4107221598891022198_n.jpg)
वह कहते हैं
हर भारतीय फैंस की तरह मैं भी हिंदी फिल्मों को देखकर बड़ा हुआ हूं। मैं सलीम जावेद की फिल्मों से बहुत प्रभावित रहा हूं। उनके किरदार विजय को तो बहुत ही पसंद करता हूँ और उससे खुद को रिलेट भी कर पाता हूँ। फिलवक्त मुझे सलमान खान, हद से ज्यादा पसंद हैं, उनका ऑरा मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और मुझे अपील भी करता है, मैं उनसे मिला हूँ और यह भी जानता हूँ कि वह बहुत ही अच्छे इंसान भी हैं। इसलिए मैं उनका बड़ा वाला फैन हमेशा से था और रहूँगा। अजय देवगन सर की फिल्म फूल और कांटे का वह बाइक वाला सीन भी याद है, तो सच कहूँ तो मैंने खूब हिंदी फिल्में देखी हैं।
परिवार में रहा अनुशासन
जूनियर एनटीआर, बताते हैं कि उनके परिवार में अनुशासन हमेशा ही रही।
![](https://wp.missmalini.com/wp-content/uploads/2021/02/88303486_2635054900047901_8170786595261105197_n.jpg)
वह कहते हैं
मेरे दादा जी की बहुत बड़ी लीगेसी रही है, वह हमेशा से काफी वक़्त के पाबंद थे और अनुशासन पसंद इंसान थे। वह हमेशा कहा करते थे कि गुजरा वक़्त दोबारा नहीं आ सकता है, इसलिए मेहनत करनी होगी और अपने वक़्त का सही इस्तेमाल करना होगा। मेरे आस-पास के लोगों ने भी हमेशा बताया है कि मेरे परिवार के लोग किस तरह से अनुशासन में रह कर काम किया करते थे और यही वजह है कि मैं अनुशासन को जिंदगी में बहुत महत्व देता हूँ।
वाकई, मैं इस बात के बारे में यकीन के साथ कह सकती हूँ कि जूनियर एनटीआर के हिंदी सिने प्रेमी दर्शक और खुश होने वाले हैं कि एनटीआर ने हिंदी भाषा को लेकर यह बातें कही हैं, निसंदेह आने वाले समय में, एनटीआर की लोकप्रियता में पैन इंडिया इजाफा ही होने वाला है।