इन दिनों, फिल्म ‘मेजरकी चर्चा पूरे भारत में हो रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यह फिल्म मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की जिंदगी पर बनी हैं, जिन्होंने 2008 में हुए ताज होटल पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान जांबाजी दिखा कर, आतंकवादी को मार गिराया था और इस दौरान वह शहीद हो गए थे, ऐसे में साउथ फिल्मों के स्टार अदिवि शेष इस किरदार को निभा रहे हैं, ऐसे में उनके लिए यह किरदार क्यों मेमोरेबल रहेगा, उन्होंने इस बातचीत में बताया है, मैं उसके अंश यहाँ शेयर कर रही हूँ। 

काफी रिसर्च किया है कि रियलिटी के करीब पहुंचें 

अदिवि इस फिल्म के लेखक भी हैं, ऐसे में उन पर यह किरदार निभाते हुए क्या जिम्मेदारी रही, इस पर उन्होंने विस्तार से बताया है। 

वह कहते हैं 

यह बिल्कुल लाजिमी है कि जब एक किरदार वास्तविक हो, तो प्रेशर होता ही है। लेकिन मेरी सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैं मेजर उन्नीकृष्णन के मम्मी पापा को संतुष्ट कर पाऊं। हमारी इस फिल्म में हमने काफी रिसर्च किया है, ताकि हम रियलिटी के करीब पहुँच पाएं। हमने मेजर से जुड़े कई लोगों के इंटरव्यू किये और फिर परिवार से भी बातचीत की, इसके बाद इसे तैयार किया है। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को पसंद आएगी फिल्म। 

ड्रीम प्रोजेक्ट है मेरा 

Source :Instagram I @adivisesh

अदिवि ने बताया कि यह फिल्म उनके लिए किसी ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं है। 

वह कहते हैं 

यह मेरे लिए किसी ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं रहा है। मुझे याद है कि मैं उस वक़्त नवंबर 2008 में अमेरिका में था। पूरी दुनिया जिस तरह दहशत में आ गई थी और हमने पूरे अटैक को टीवी पर देखा था।  फिर अगले ही दिन, जिस तरह से मेजर संदीप की तस्वीरें टीवी पर आयीं कि वह लोगों की जान बचाते हुए शहीद हो गए, मुझे ऐसा लगा जैसे कोई अपना गया, क्योंकि मेरे परिवार में काफी सारे भाई हैं और जो मेजर संदीप की तरह ही दिखते हैं। फिर मैनें खुद उन पर रिसर्च करना शुरू किया, फिर मैंने महसूस किया कि उनकी जिंदगी के कई पहलू हैं, जो सामने आने चाहिए। इस कहानी के साथ काफी जिया है मैंने और फिर जाकर, अंतत: ड्रीम प्रोजेक्ट हकीकत में बदला। मेजर संदीप की माँ ने मुझे कहा कि  मैं दस फ़िट दूर भी खड़ा हूं तो उन्हें  मुझे देखकर लगता है कि मेजर संदीप आ गया है। मेरे लिए बड़ा कॉम्प्लिमेंट था। 

महेश बाबू ने कहा हर भारतीय तक पहुंचनी चाहिए फिल्म 


Source :Instagram I @adivisesh

महेश बाबू जैसे नाम का इस फिल्म से जुड़ना, बेहद खास बात इस फिल्म के लिए रही है। इस बारे में अदिवि ने विस्तार से बताया कि यह संयोग कैसे बना। 

वह बताते हैं 

मेरे दोस्त अनुराग और शरद प्रोड्यूसर हैं। उन्होंने ही मुझे नम्रता मैम और महेश सर से मुझे कनेक्ट किया। उन्होंने ही मेरा आईडिया उन्हें बताया कि मैं इस फिल्म को बनाना चाहता हूँ। महेश सर ने जब कहानी सुनी, तो उन्होंने मुझसे कहा कि फिल्म को सिर्फ तेलुगु में नहीं बननी चाहिए। मेजर संदीप की कहानी कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी के लिए है। 

अदिवि आगे कहते हैं

मेजर केरल में पैदा हुए थे, बंगलौर में पले-बढ़े । फिर उनकी ट्रेनिंग ऑफिसर हरियाणा में हुई थी। मुम्बई में आतंवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। वह कारगिल युद्ध का भी हिस्सा थे। यह एक सच्चे भारतीय की कहानी है, जिसे हर भारतीय तक पहुंचानी चाहिए। हमने इसलिए ज्यादा भाषाओं में इसे बनाया। 

देशभक्ति का मतलब है कि हम अपना देश बेहतर बनाएं 

अदिवि साफ कहते हैं कि देश को बेहतर बनाना जरूरी है 

वह कहते हैं 

मैं मानता हूँ कि जीगोइसम और देशभक्ति अलग है। जींगोइसम में एक किस्म का अहंकार होता है कि हमारा देश सबसे बेस्ट है। देशभक्ति का मतलब है कि हम अपने देश को बेहतर कैसे बनाएं।  मेजर संदीप सच्चे देशभक्त थे। वह मानते थे कि देशभक्त होना सभी के लिए ज़रूरी है और देश की रक्षा करना सैनिक का काम है।

साउथ सिनेमा वर्सेज बॉलीवुड सिनेमा की चर्चा है बेईमानी 

अदिवि इस बात को पूरी तरह से गलत मानते हैं। 

वह कहते हैं 

मेरा मानना आप अच्छा कंटेंट बनाओ,  तो आप उसे डब करो या ना करो।लोग उसे देखेंगे। बाहुबली जब हम सब बना रहे,  तो हम में डर था कि हिंदी दर्शक हमारी फ़िल्म देखेंगे या नहीं। अब चीज़ें बदल गयी हैं। अब सच यह है कि अच्छी कहानी बनाओ और दिखाओ, लोग देखेंगे ही। 

वाकई, मैंने फिल्म देख ली है और मैं पूरे यकीन से कहना चाहूंगी कि संदीप के किरदार को, उनकी जर्नी को जिस तरह से अदिवि ने परदे पर उकेरा है, वह यादगार है। फिल्म 3 जून 2022 को पर्दे पर आ रही है और दर्शकों को फिल्म का बेसब्री से इंतजार है, यह फिल्म एक बार फिर से उन्नीकृष्णन की यादों को जीवंत करने में सफल रहेगी, मुझे ऐसा लगता है।